Mon. Dec 23rd, 2024

आईआईए और जिला प्रशासन की ओर से होने जा रहे इस आयोजन में 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव पर मोहर लगेगी

औद्योगिक जिला बनने की ओर बढ़ रहे लखनऊ में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश कराए जाने की तैयारी है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले मंगलवार को होने वाले लखनऊ निवेशक सम्मेलन में इच्छुक उद्यमी जिला प्रशासन और जिला उद्योग केंद्र के साथ इंटेंट के अनुबंध करेंगे। फिर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश का एमओयू साइन होगा।

अधिकारियों का कहना है कि करीब 25 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिल चुके हैं। इनमें 16 हजार करोड़ रुपये के साथ अभी तक रीयल एस्टेट सेक्टर सबसे बड़े निवेशक के रूप में सामने आया है। इसके बाद एमएसएमई ने तीन हजार करोड़ रुपये के अपने प्रस्ताव दिए हैं। आईआईए ने भी करीब 1000 करोड़ रुपये के निवेश की बात कही है।

कलेक्ट्रेट में सोमवार को प्रेसवार्ता में डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि लखनऊ निवेशक सम्मेलन दो भागों में होगा। एक ओर उद्यमियों संग इंटेंट के लिए अनुबंध किया जाएगा तो तकनीकी सत्र में मौजूदा नीतियों और सुगमता के साथ प्रक्रिया पूरी करने के तरीके बताए जाएंगे। इसमें एलडीए, नगर निगम, लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण, जिला पंचायत, जिला उद्योग केंद्र आदि के अधिकारी औद्योगिक परिसर के लिए मानचित्र स्वीकृति से लेकर अन्य अनुमति और नियमों की जानकारी देंगे। इस दौरान उद्यमियों की दिक्कतों का भी हल निकाला जाएगा।

सम्मेलन में सभी विभागों के अधिकारी रहेंगे। औद्योगिक संगठनों आईआईए, फिक्की, एसोचैम यूपी-यूके, सीआईआई आदि के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है। प्रेसवार्ता में एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, सीडीओ रिया केजरीवाल, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र मनोज चौरसिया, आईआईए के अध्यक्ष मोहित सूरी थे ।

चार नई इंटीग्रेटेड टाउनशिप होंगी विकसित


एलडीए वीसी ने बताया कि लखनऊ की नई परियोजनाओं में 16 हजार करोड़ रुपये के रीयल एस्टेट कंपनियों से प्रस्ताव पर सहमति बनी है। इसमें चार नई इंटीग्रेटेड टाउनशिप शामिल हैं। एलडीए की अपनी आवासीय योजना इसी साल शुरू होनी है। मौजूदा योजनाओं में भी नए प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं। इससे जहां बड़ी संख्या में निवेश होगा तो लोगों को बेहतर आवास भी मिलेंगे। आवास विकास परिषद के शामिल होने से आंकड़ा और बढ़ेगा। जनवरी के अंत तक लॉजिस्टिक प्लान भी तैयार कर लिया जाएगा। मोबिलिटी प्लान, सीडीपी पहले ही तैयार हो चुकी है। इसके बाद महायोजना 2031 में इन्हें शामिल करते हुए जरूरी संशोधन किए जाने हैं।

पुराने को नया चेहरा दिए जाने की तैयारी
एलडीए पुरानी योजनाओं में प्रचलित प्रोजेक्टों को नए नाम या लॉन्च के नाम पर निवेश के बड़े आंकड़े दिखा रहा है। कोई नई हाईटेक टाउनशिप शुरू नहीं होगी। मौजूदा दो हाईटेक टाउनशिप में ही एफएसआई के जरिये निवेश आना बताया जा रहा है। चार नई इंटीग्रेटेड टाउनशिप को जहां नया बताया जा रहा है, उनके विकास के काम लंबे समय से अटके हैं। अब देखना होगा कि बाकी सेक्टरों में प्रशासन और उद्योग केंद्र क्या करता है। आयोजन में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक औद्योगिक प्रोत्साहन के लिए शामिल होंगे। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में सरकार की नीतियों के अलावा भविष्य की योजनाओं के लिए भी चर्चा होगी। उप मुख्यमंत्री इंटेंट के लिए अनुबंध साइन होने के समय मौजूद रहेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *