Fri. Dec 27th, 2024

उत्तराखंड राज्य कर्मचारियों की DA की मांग खिसकी आगे

 देहरादून। एक जुलाई, 2023 से मिलने वाले चार प्रतिशत महंगाई भत्ते को लेकर प्रदेश के कार्मिकों की प्रतीक्षा और बढ़ गई है। दिसंबर के वेतन के साथ महंगाई भत्ता देने की उनकी बहुप्रतीक्षित मांग पूरी नहीं हो पाई।

पदोन्नति में शिथिलीकरण, वाहन और वर्दी भत्ते, दैनिक वेतनभोगी कार्मिकों को भी बाल्य देखभाल एवं अवकाश देने जैसे कर्मचारियों के हित से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली धामी सरकार ने महंगाई भत्ता देने की मांग आगे खिसकाकर फिलहाल अपनी वित्तीय हालत को भी ध्यान में रखने की कोशिश की है। बीते एक माह से सरकार विकास और निर्माण कार्यों के लिए धन उपलब्ध कराने पर अधिक बल दे रही है।

केंद्र सरकार से उनके कार्मिकों को महंगाई भत्ता देने के आदेश जारी होने दो-तीन माह के भीतर प्रदेश सरकार भी इस व्यवस्था को अपने यहां लागू करने में संकोच नहीं करती रही है।

कार्मिकों के साथ अधिकारियों को भी किया गया सम्मिलित

धामी सरकार ने इस परंपरा पर सख्ती बरतने का साहस दिखाया है। यह स्थिति तब है, जब सरकार ने पिछले कुछ महीनों के भीतर कर्मचारी हित में कई बड़े निर्णय लिए हैं। पदोन्नति के लिए नियमावली में शिथिलीकरण और इसकी सीमा में कार्मिकों के साथ अधिकारियों को भी सम्मिलित किया गया है।

धामी सरकार के इस रुख को देखते हुए राज्य कर्मचारियों के तमाम संगठन यह उम्मीद कर रहे थे कि कार्मिकों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश शीघ्र जारी होगा। एक जुलाई से यह भत्ता चार प्रतिशत बढ़ना है। छह माह बीतने के बाद भी यह भत्ता बढ़ाया नहीं गया।

मुख्यमंत्री के पास है महंगाई भत्ता बढ़ाने की पत्रावली

ढाई लाख कार्मिक एवं पेंशनर महंगाई भत्ते को 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यद्यपि, इस प्रकरण में मंत्रिमंडल ने निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अधिकृत किया है। महंगाई भत्ता बढ़ाने की पत्रावली मुख्यमंत्री के पास ही है।

बढ़े हुए महंगाई भत्ते के भुगतान से सरकारी कोष पर वार्षिक लगभग 600 करोड़ रुपये का व्ययभार पड़ेगा। इससे कार्मिकों के मासिक मानदेय में 2000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक वृद्धि हो सकेगी। महंगाई भत्ता देने की स्थिति में सरकार के सामने बाजार से ऋण उठाने की नौबत आ सकती है। गत माह 500 करोड़ रुपये ऋण लेने से इस वित्तीय वर्ष में अब तक 2800 करोड़ रुपये ऋण लिया जा चुका है।

बजट खर्च के लिए निर्माण कार्य तेजी से पूरा

चालू वित्तीय वर्ष में सरकार का विशेष जोर पूंजीगत मद के बजट का अधिकाधिक उपयोग करने पर है। बजट खर्च के लिए निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने गत माह के अंतिम दिनों में केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी की राशि की अंतिम किस्त के रूप में 817 करोड़ रुपये दिए हैं।

महंगाई भत्ते की पत्रावली पर उच्चानमोदन होना बाकी

इस राशि के प्राप्त होने से राज्य में विकास कार्य की गति बढ़ाई जा रही है। इसका प्रभाव महंगाई भत्ते पर भी पड़ा। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि महंगाई भत्ते की पत्रावली पर उच्चानुमोदन होना शेष है। अनुमोदन मिलने के बाद इस संबंध में शीघ्र आदेश जारी किए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *